कच्ची घानी यानि धीमी गति से बैल के जरिये चलने वाले लकड़ी के पुराने कोल्हू का तेल ( कोल्ड प्रेस) ही फ़ायदेमंद होता है।
अगर सरकार इंजीनियरिंग कालेज की मदद से बैल से चलने वाला लकड़ी का कोल्हू बड़े पैमाने पर बनवाकर सस्ती दर पर बेरोजगार युवकों को दे तो वे छुट्टा घूमकर फसल बर्बाद करने वाले बैलों से बढ़िया तेल का उत्पादन कर सकते हैं।
इसे खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं के माध्यम से शहरों में भी बेंचा जा सकता है। लाखों बेरोजगार युवक और छुट्टा बैल काम पर लग जायेंगे।
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