आज़ाद देश के ग़ुलाम खेतिहर मज़दूर
भारत में खेतिहर मज़दूरों की दुर्दशा पर राम दत्त त्रिपाठी का लेख
Read More »बेरोजगार : बढ़ती जाती है कतार
खेती के लिए कैसे थे पांच साल ?
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की जनता से वादा किया है कि अगर उन्हें पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का मौक़ा मिला तो वह सारा ख़ज़ाना जनता पर लुटा देंगे. पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोंडा शहर में एक चुनावी सभा को संबोधित ...
Read More »स्वयं सहायता समूहों से संवरती जिंदगियां
भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अब भी बैंक और दूसरी वित्तीय सुविधाओं से वंचित है. ऐसे में स्वयं सहायता समूह लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने में खासे मददगार साबित हो रहे हैं. देश के छह लाख गांवों में केवल तीस हजार गांवों में बैंकों की शाखाएं हैं. ...
Read More »माँ के दूध के विरुद्ध एक साज़िश
सब जानते हैं कि नवजात शिशु के लिए माँ का दूध सर्वोत्तम है, लेकिन मुनाफ़ा और बिज़नेस के लिए दीबा बंद दूध को बढ़ावा देना एक साज़िश है। इस साज़िश में उद्योगों के अलावा, डाक्टर और मीडिया भी शामिल है। राम दत्त त्रिपाठी का एक पुराना लेख
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Ram Dutt Tripathi Journalist & Legal Consultant