लोकनायक जयप्रकाश ने नारायण आजादी की लड़ाई में संघर्ष किया . उप प्रधानमंत्री का पद ठुकराकर गांधी के सर्वोदय आंदोलन को आगे बढ़ाया और फिर 1974 में सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन का नेतृत्व करते हुए पुन: जेल की यातनाएँ झेली . लेकिन आंदोलन से निकली सरकारों और नेताओं ने भावी पीढ़ी को उनके योगदान की जानकारी और इतिहास में उचित सम्मान देने के लिए कुछ नहीं किया .
विनोबा जी के साथ भी यही हुआ .
क्या सर्वोदय और जेपी से जुड़ी संस्थाएँ और संगठन ऐसा कुछ प्रयास कर सकते हैं .