मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पहले बजट में चुनावी वादे को पूरा करने की घोषणा की. बजट में छात्रों को लेपटाप और टेबलेट कंप्यूटर देने के लिए 2721 करोड़ रूपए और बेरोजगारी भत्ते के लिए 1100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.
बजट में कर्ज से लड़ रहे किसानों को राहत देने के लिए बजट में 500 करोड़ रूपए रखे गए हैं. गरीब परिवारों कि महिलाओं को दो- दो साड़ियां और बुजुर्गों को कम्बल देने के लिए 200 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है.
बजट में छात्रों, युवाओं, किसानों और अल्पसंख्यकों के कल्याण पर विशेष जोर दिया है.
बसपा का बहिर्गमन
मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी के बहिर्गमन के बीच यादव ने विधानसभा में कुल दो लाख एक सौ दस करोड़ इक्सठ लाख रूपए का बजट पेश किया. यह पिछले वर्ष की तुलना में 18 फीसदी ज्यादा है.
बजट में न तो कोई नया कर लगाया गया है और न ही पुराने करों में कोई राहत दी गई है.
कन्या विद्या धन योजना के लिए 446 करोड़ रूपए और गरीब मुस्लिम बालिकाओं को अनुदान के लिए 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.
जैसे ही उन्होंने अपने बजट भाषण में पिछली माया सरकार की आलोचना शुरू की, नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य खड़े होकर उनका विरोध करने लगे और फिर पार्टी के सभी विधायकों के साथ बाहर चले गए.
प्रवासी भारतीय प्रकोष्ठ की स्थापना
विदेश में पढ़े अखिलेश यादव ने एक प्रवासी भारतीय प्रकोष्ठ की स्थापना की घोषणा की है.
इस प्रकोष्ठ के जरिए विदेशों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के नागरिकों, जिनमें से ज्यादातर युवा हैं, की सहायता की जायेगी.
विधान सभा में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के घोषणापत्र में जो वादे किए गए थे और जनता ने जिस भरोसे से विधान सभा में भेजा है, बजट में उन तमाम बिंदुओं को पूरा करने की कोशिश की गई है.
पिछली बहुजन समाज पार्टी सरकार पर फिजूलखर्ची, भ्रष्टाचार और लूट-खसोट का आरोप लगाते हुए यादव ने कहा कि इस बजट में स्मारकों और पत्थरों के लिए पैसा नहीं दिया गया बल्कि किसानों और नौजवानों के लिए रखा गया है, जिससे उत्तर प्रदेश का विकास हो.
कई योजनाएं फिर से चालू
अखिलेश यादव ने इस बजट में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की पुरानी सरकार की उन कई योजनाओं को फिर से चालू करने की घोषणा की है, जिन्हें मायावती सरकार ने बंद कर दिया था.
यादव वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट पेश करने के लिए सुबह ग्यारह बजे हाथ में ब्रीफकेस लिए हुए विधान सभा मंडप में आये तो वह बहुत खुश दिख रहें थे.
सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी के विधायकों ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया. यादव ने सता और विपक्ष दोनों तरफ हाथ जोड़कर नमस्कार किया.
लेकिन भारतीय जनता पार्टी विधान मंडल दल के नेता हुकुम सिंह ने अपने बयान में बजट को निराशाजनक और आंकड़ों का मकड़जाल बताया.
उन्होंने कहा कि छात्रों को लैपटाप दिए जा रहें हैं लेकिन रोजगार की कोई व्यवस्था नही की जा रही है.
source: https://www.bbc.com/hindi/india/2012/06/120601_up_budget_js
Ram Dutt Tripathi Journalist & Legal Consultant