भाजपा फिर राम की शरण में

भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि वह अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है.

लखनऊ में राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी अपने मूल हिंदू राष्ट्रवादी नीतियों को अपनाएगी. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के अलावा पार्टी समान आचार संहिता और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा ख़त्म करने जैसे मुद्दे पर भी क़ायम है.

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को काफ़ी अहम माना जा रहा है.

राजनाथ सिंह दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुने गए हैं और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में औपचारिक रूप से उन्हें तीन साल के लिए अध्यक्ष पद सौंप दिया गया.

राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई, तो वह अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए क़ानून बनाएगी.

राजनाथ सिंह की घोषणा का मंच पर बैठे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने ताली बजाकर स्वागत किया.

संकल्प

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि कार्यकर्ता इस बात की शपथ लें कि वे देश को राष्ट्रवाद के रास्ते पर ले जाएँगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपना रही है. राजनाथ सिंह ने कहा, “हम ये संकल्प लें कि हम पार्टी के राष्ट्रवादी सिद्धांतों के तहत एक शक्तिशाली भारत बनाएँगे ताकि तुष्टिकरण की ख़तरनाक नीति पूरी तरह ख़त्म हो जाए.”

उन्होंने कहा कि पार्टी सत्ता में रहने के बावजूद अपना हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडा इसलिए पूरा नहीं कर सकी, क्योंकि वह गठबंधन सरकार चला रही थी.

उन्होंने कहा, “हमें अपना राष्ट्रवादी एजेंडा इसलिए पीछे रखना पड़ा क्योंकि हमें न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सरकार चलाना था.”

बीजेपी नेता अटल बिहारी वाजपेयी छह साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे, लेकिन वर्ष 2004 में हुए चुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.

source: https://www.bbc.com/hindi/regionalnews/story/2006/12/printable/061223_bjp_temple.shtml