Ram Dutt Tripathi

राम दत्त त्रिपाठी : परिचयात्मक विवरण रामदत्त त्रिपाठी, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं.  उन्होंने 1992 से 2013 इक्कीस वर्षों तक बी बी सी लंदन के लिए कार्य किया और वह एक प्रकार से भारत मे बी बी सी की पहचान बन गये. वह उन गिने चुने पत्रकारों में से हैं , जो समाज सेवा के मिशन के लिए पत्रकारिता में आये. श्री त्रिपाठी युवावस्था में सर्वोदय और जे पी आंदोलन से जुड़े और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के चलते इमरजेंसी के दौरान जेल में रहे. श्री त्रिपाठी को अखबार  रेडियो और टी.वी. के अलावा आनलाइन  यानी तीनों प्लेट फार्म्स पर कार्य का अनुभव है। अखबारों में भी वह दैनिक , साप्ताहिक और पाक्षिक तीनों के लिए काम कर चुके हैं। 06 दिसंबरदिसम्बर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस का सर्वप्रथम समाचार  देने वाले पत्रकार  राम दत्त त्रिपाठी ही थे.  उत्तर भारत और देश की राजनीति  में पिछले डेढ. दशक में जो सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक परिवर्तन आये हैं उनका कवरेज करके  रामदत्त त्रिपाठी ने पत्रकारिता में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है।अयोध्या विवाद, सामाजिक न्याय और दलित अधिकार  आंदोलन उल्लेखनीय घटनाक्रम हैं। पूर्वांचल में  इंसेफलाइटिस की महामारी जैसे विषय को भी श्री त्रिपाठी ने अपनी पैनी नज़रों से विश्वस्तरीय समाचार बनाया।   श्री त्रिपाठी ने पत्रकार के रुप में पर्यावरण, शिक्षा , स्वास्थ्य और खेती   से जुड़े विषयों पर विशेष गहन कार्य किया है।उन्होंने नेपाल के राजनीतिक घटनाक्रम और माओवादी आंदोलन का विस्तृत कवरेज किया। जान का जोखिम लेकर वह पहाड़ी, जंगली गृहयुद्द प्रभावित क्षेत्रों में अन्दर तक गये। माओवादी  नेता प्रचंड का भूमिगत रहते हुए इंटरव्यू किया जबकि उनसे मिलना असंभव और जोखिम भरा काम था. बी.बी.सी. से पहले वह साप्ताहिक संडे मेल, दैनिक अमृत प्रभात और दैनिक भारत से सम्बद्द रहे।  उन्हें युवावस्था में 1973 से 1975 तक इलाहाबाद से प्रकाशित पाक्षिक नगर स्वराज्य में काम करने का मौका मिला जिसकी प्रधान संपादक डा. महादेवी वर्मा, संपादक डा. रघुवंश और प्रकाशक सुप्रसिद्ध गांधीवादी विचारक गणितज्ञ प्रो. बनवारी लाल शर्मा थे.  लोकतंत्र और विचार स्वातंत्र्य की प्रतिबद्दता के चलते श्री त्रिपाठी ने पूरी इमरजेंसी बनारस और नैनी सेंट्रल जेल में गुजारी.1977 में देश में लोक तंत्र की बहाली के बाद बाद समाज सेवा के उद्देश्य से पूर्णकालिक पत्रकार बन गये.  श्री त्रिपाठी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी किया है. उन्होंने  पढ़ाई के दौरान ही पत्रकारिता शुरू कर दी थी।   अवार्ड  2006 में  त्रिपाठी को पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दीसंस्थान ने गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से सम्मानित किया है. इसमें एक लाख रु नकद शामिल है.  2008 में रामदत्त त्रिपाठी के विशेष कार्यक्रम 'आओ स्कूल चलें' को प्रतिष्ठित एशिया ब्रॉडकास्टिंग यूनियन (एबीयू) अवार्ड के लिए चुना गया .इस कार्यक्रम में भारत में प्राथमिक शिक्षा की हालत की पड़ताल की गई थी. एबीयू मीडिया जगत का प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो रेडियो और टीवी के बेहतरीन कार्यक्रमों को दिया जाता है  सामाजिक सरोकार: 1- श्री त्रिपाठी भारत में श्रमजीवी पत्रकारों के सबसे पुराने और सबसे बड़े संगठन इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स IFWJ के राष्ट्रीय सचिव रहे. 2- उ. प्र. मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष रहे. अपने कार्यकाल में उन्होंने समाचार संकलन के कार्य को सुचारू बनाने के लिए राजनीतिक दलों , शासन और पुलिस के तालमेल से अनेक व्यवस्थागत सुधार किये. 3- यू.पी. प्रेस क्लब, लखनऊ के अध्यक्ष के रूप में श्री त्रिपाठी ने प्रेस क्लब की प्रतिष्ठा बहालकर उसे समाज से जोड़ा. इससे प्रेस क्लब में साहित्यिक , सांस्कृतिक गतिविधियाँ बढ़ीं और आर्थिक निर्भरता आयी. 4 उत्तर प्रदेश पत्रकारिता संस्थान के उपाध्यक्ष और महासचिव के रूप में श्री त्रिपाठी ने सूचना के अधिकार एवं अन्य कई विषयों पर राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार कराये. 5 श्री त्रिपाठी लखनऊ शहर के पर्यावरण सुधार और गोमती सफाई के स्वैछिक आंदोलन में भी सक्रिय रहे हैं. 6 राम दत्त त्रिपाठी ने गंगा , यमुना और गोमती नदियों के प्रदूषण और पर्यावरण पर लगातार और गहराई से अध्ययन तथा लेखन किया है. लोकतंत्र , प्रेस की स्वतंत्रता , सामाजिक समता और सौहार्द , समाज कल्याण , ग्राम स्वराज्य तथा रचनात्मक कार्यों में विशेष अभिरुचि एवं सक्रियता से श्री त्रिपाठी को समाज में विशेष सम्मान और स्थान मिला है. शिक्षा – बी.ए., एल.एल.बी. इलाहाबाद विश्वविद्यालय. जन्म तिथि – 12 नवंबर 1953 . सम्पर्क सूत्र – 55 गुलिस्तां कालोनी, लखनऊ 226001. फोन – 0522 -2236762 मोबाइल – 98390-12810 E-Mail: ramdutt.tripathi@gmail.com

ग़ाज़ियाबाद मुरादनगर शमसान घाट में आपराधिक लापरवाही और भ्रष्टाचार

ग़ाज़ियाबाद मुरादनगर श्मसान घाट पर नवनिर्मित गलियारे की छत ढहने से पचीस लोगों की दर्दनाक मौत आपराधिक लापरवाही भ्रष्टाचार और कुप्रशासन का परिणाम लगता है . इसे हादसा या दुर्घटना कहना ग़लत होगा .  हादसे से पीड़ित परिवारों और मुरादनगर स्थानीय जनता ने धरना , प्रदर्शन और सड़क जामकर अपना ...

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के वकील की पुलिस पिटाई पर सीजेम से रिपोर्ट माँगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के सरकारी वकील राजेन्द्र शर्मा पर 21 दिसम्बर को  पुलिस की बर्बर कार्यवाही और पिटाई के संबंध में सीजेम चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट एटा से रिपोर्ट तलब की है .  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह सुनवाई बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के चेयरमैन जानकी शरण पांडेय के पत्र के ...

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एटा में वकील परिवार पर पुलिस अत्याचार पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई

उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले में पुलिस ने एक सरकारी वकील का घर जबरन ख़ाली काराया और अधिववक्ता परिवार के साथ अत्याचार किया. अधिवक्ता परिवार के कई सदस्यों को जेल भी भेजा गया. प्रशासन के दबाव पर ज़मानत भी नहीं मिली. बताया जाता है ज़िला प्रशासन ने यह सारी बर्बरतापूर्ण ...

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सरसों के तेल में मिलावट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है

कच्ची घानी यानि धीमी गति से बैल के जरिये चलने वाले लकड़ी के पुराने कोल्हू का तेल ( कोल्ड प्रेस) ही फ़ायदेमंद होता है। अगर सरकार इंजीनियरिंग कालेज की मदद से बैल से चलने वाला लकड़ी का कोल्हू बड़े पैमाने पर बनवाकर सस्ती दर पर बेरोजगार युवकों को दे तो ...

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किसान आंदोलन : योगी सरकार ने अखिलेश को हिरासत में लिया

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आपदा में बचाव के लिए क्या करें!

दैवी अथवा मानव निर्मित आपदा दोनों भयावह होती हैं. इनसे निबटने के लिए मानव समुदाय और प्रशासन को हमेशा तैयार रहना ज़रूरी है. वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी ने आपदा प्रबंधन पर प्रोफ़ेसर एँ विनोद चंद्र मेनन और डा आर डी मिश्रा के साथ परिचर्चा की. The post आपदा में ...

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नये कृषि कानूनों में ऐसा क्या है कि किसान सड़कों पर ऑंदोलन कर रहे हैं

नये कृषि क़ानूनों में ऐसा किया है कि किसान सड़कों पर ऑंदोलन कर रहे हैं . The post नये कृषि कानूनों में ऐसा क्या है कि किसान सड़कों पर ऑंदोलन कर रहे हैं appeared first on Media Swaraj | मीडिया स्वराज.

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सेहत की बात : मोटापा

मोटापा पूरी दुनिया में महामारी की तरह फैल रहा है . मोटापे पर कैसे क़ाबू किया जाये , यह एक बड़ा सवाल है . Related Images: [See image gallery at mediaswaraj.com] The post सेहत की बात : मोटापा appeared first on Media Swaraj | मीडिया स्वराज.

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पत्रकारों पर हमले की बढ़ती घटनाएँ

देश के कई राज्यों में पत्रकारों पर हमले बढ़ रहे है .यूपी में पिछले कुछ समय में पत्रकार माफिया के निशाने पर रहा तो नौकरशाही से भी जूझता रहा है .अब तो खबर लिखने पर खंडन नहीं आता सीधे एफआईआर कर दी जा रही है .कई पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा ...

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श्रमिक संगठनों का भारत बंद क्यों!

देश के दस ट्रेड यूनियन ने 26 नवम्बर भारत बंद बुलाया है. केंद्र सरकार की कथित मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में ये हड़ताल है. अब ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन (AIBEA) ने एलान किया है कि वह भी इन ट्रेन यूनियन की तरफ से बुलाए गए भारत बंद में ...

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