दुबे हत्याकांड पर अदालत का कड़ा रुख़

पटना उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक परियोजना प्रबंधक सत्येंद्र दुबे की हत्या को लेकर दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कड़ा रुख़ अपनाया है.

न्यायालय ने बिहार सरकार से राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य में लगी एजेंसियों को तुरंत हरसंभव सुरक्षा उपलब्ध कराने का सरकार को निर्देश दिया है.

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक परियोजना प्रबंधक सत्येंद्र दुबे की हत्या को लेकर दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को यह निर्देश दिया.

ये याचिका महेंद्र प्रसाद गुप्ता ने पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.
याचिकाकर्ता का कहना है कि दुबे की हत्या ये दिखाती है कि राज्य में राजमार्ग परियोजना किस तरह माफ़िया सरगनाओं के हाथ में चली गई है.

सत्येंद्र दुबे की 27 नवंबर को बिहार के गया ज़िले में हत्या कर दी गई थी जबकि वो वहाँ ‘हाइवे प्रोजेक्ट’ पर काम कर रहे थे.

मामला

सत्येंद्र दुबे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की गया यूनिट के प्रमुख थे और हत्या से लगभग एक वर्ष पहले उन्होंने सरकार की ‘स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना’ में भ्रष्टाचार के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था.

उन्होंने न्यायालय से अपील की कि इसे भ्रष्ट लोगों के हाथों से निकाला जाए.

प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इंजीनियर सत्येंद्र दुबे की हत्या का मामला सीबीआई को सौंपते हुए कहा था कि हत्या के लिए ज़िम्मेदार लोग जहाँ भी हों उन्हें बख़्शा नहीं जाएगा.

सत्येंद्र दुबे हत्याकांड की चारों तरफ़ आलोचना हो रही है.

इस घटना को लेकर भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भारतीयों में काफ़ी कड़ी प्रतिक्रिया हुई है.

Published here – https://www.bbc.com/hindi/regionalnews/story/2003/12/031211_satyendra_highcourt.shtml